O Ghata Sanwari
ओ घटा सवारी, थोड़ी थोड़ी बावरी, हो गयी है बरसात क्या
हर सांस है बहकी हुई, अब के बरस है ये बात क्या
हर बात है बहकी हुई, अब के बरस है ये बात क्या
ओ घटा सवारी, थोड़ी थोड़ी बावरी, हो गयी है बरसात क्या
हर सांस है बहकी हुई, अब के बरस है ये बात क्या
हर बात है बहकी हुई, अब के बरस है ये बात क्या
पके अकेले मूज़े, मेरा आँचल मेरे साथ उलझे
च्छुले अचानक कोई, लत मे ऐसे मेरा हाथ उलज़े
क्यो रे बदल तूने च्छुआ मेरा हाथ क्या
ओ घटा सवारी, थोड़ी थोड़ी बावरी, हो गयी है बरसात क्या
हर सांस है बहकी हुई, अब के बरस है ये बात क्या
हर बात है बहकी हुई, अब के बरस है ये बात क्या
आवाज़ थी कल यही, फिर भी ऐसे लहकती ना देखी
पग मे थी पायल मगर, फिर भी ऐसे च्चानकती ना देखी
चंचल हो गये घुँगरू मेरे रातोरात क्या
ओ घटा सवारी, थोड़ी थोड़ी बावरी, हो गयी है बरसात क्या
हर सांस है बहकी हुई, अब के बरस है ये बात क्या
हर बात है बहकी हुई, अब के बरस है ये बात क्या
मस्ती से बोज़ल पवन जैसे साया कोई मान पे डोले
बरखा की हर बूँद पे, तारतरी सी मेरे टन पे डोले
पागल मौसम जा तू, लगा मेरे साथ क्या
ओ घटा सवारी, थोड़ी थोड़ी बावरी, हो गयी है बरसात क्या
हर सांस है बहकी हुई, अब के बरस है ये बात क्या
हर बात है बहकी हुई, अब के बरस है ये बात क्या