Oodi Oodi Chhai Ghata
ओ ओ ओ ओ ओ
ओ ओ ओ ओ ओ
उड़ी उड़ी छाई घटा जिया लहराये
उड़ी उड़ी छाई घटा जिया लहराये
पिया पिया हौले हौले पपिहरा गाये
पपिहरा गाये
आई रे सावन रुत हे री सखी
उड़ी उड़ी छाई घटा
ओ ओ ओ ओ ओ
ओ ओ ओ ओ ओ
दूर हवा में उड़ता जाये इक पंछी का जोड़ा
बेला मिलन की जब मैं देखूँ ललचाये मन मोरा
ओ ओ आँख मिचौली मिल मिल खेले फूलों के संग भौँरा
पापी नजरिया ऐसी मारे दरपे रे दिल मोरा
कोई गोरी चोरी-चोरी नैनों में समाये
पपिहरा गाये
आई रे सावन रुत हे री सखी
उड़ी उड़ी छाई घटा
ओ ओ ओ ओ ओ
ओ ओ ओ ओ ओ
पी का संदेसा ले कर आये आज बदरवा कारे
माथे पे बिंदिया चमकन लागी नैन भये कजरारे
ओ ओ कोयल कूके मोर भी नाचे मनवा तू भी गा रे
प्रेम की बंसी ऐसी बाजी दूर हुये दुख सारे
रातें बीतीं सूनी-सूनी जीने के दिन जाये
पपिहरा गाये
आई रे सावन रुत हे री सखी
उड़ी उड़ी छाई घटा जिया लहराये