Palkon Ke Dware Pe Nindiya Khadi
पलकों के द्वारे पे निंदिया खड़ी रे
पलकों के द्वारे पे निंदिया खड़ी रे
हो रामा गुजर गयी रात बड़ी रे
हम्म हम्म हम्म
पलकों के द्वारे पे निंदिया खड़ी रे
हो रामा गुजर गयी रात बड़ी रे हम्म हम्म
देखे ना देखे बगिया का माली
फुलो को कैसे भूले रे डाली
लागे नज़र ना तोहे लगा दूँ बिंदिया काली
क्या सोच के ना जाने मैं रो पड़ी रे
हो रामा गुजर गयी रात बड़ी रे हम्म हम्म
पलकों के द्वारे पे निंदिया खड़ी रे
हो रामा गुजर गयी रात बड़ी रे हम्म हम्म
हम्म हम्म हम्म
निंदिया रानी को अब आने भी दे
सपनो का आचल लहराने भी दे
सो जा रे मुन्ने छोड़ गुस्सा जाने भी दे
धक धक मनवा बोले टिक टिक घड़ी रे
हो रामा गुजर गयी रात बड़ी रे हम्म हम्म
पलकों के द्वारे पे निंदिया खड़ी रे
हो रामा गुजर गयी रात बड़ी रे