Pani Pe Barse Jab Pani

SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan

पानी पे बरसे जब पानी जब हो फ़िज़ाए दीवानी
फिर तो ऐसे मौसम में करता है दिल भी नादानी
पानी पे बरसे जब पानी जब हो फ़िज़ाए दीवानी
फिर तो ऐसे मौसम में करता है दिल भी नादानी

आ हा हा
आ हा हा

कुछ ढूंढ़ती है दो आंखें कुछ खोजता है मन मेरा
वो कौन है कहा पर है जिसके ख्याल ने घेरा
कुछ ढूंढ़ती है दो आंखें कुछ खोजता है मन मेरा
वो कौन है कहा पर है जिसके ख्याल ने घेरा
पानी पे बरसे जब पानी जब हो फ़िज़ाए दीवानी
फिर तो ऐसे मौसम में करता है दिल भी नादानी
पानी पे बरसे जब पानी जब हो फ़िज़ाए दीवानी
फिर तो ऐसे मौसम में करता है दिल भी नादानी

आ हा हा
आ हा हा

बिजली चमक चमक कर क्यु हमे मुह चिड़ाये जाती है
नटखट इशारे कर कर के क्यों मुस्कुराये जाती है
बिजली चमक चमक कर क्यों हमे मुह चिड़ाये जाती है
नटखट इशारे कर कर के क्यों मुस्कुराये जाती है
पानी पे बरसे जब पानी जब हो फ़िज़ाए दीवानी
फिर तो ऐसे मौसम में करता है दिल भी नादानी
पानी पे बरसे जब पानी जब हो फ़िज़ाए दीवानी
फिर तो ऐसे मौसम में करता है दिल भी नादानी

आ हा हा
आ हा हा
आ हा हा
आ हा हा

Wissenswertes über das Lied Pani Pe Barse Jab Pani von Lata Mangeshkar

Wer hat das Lied “Pani Pe Barse Jab Pani” von Lata Mangeshkar komponiert?
Das Lied “Pani Pe Barse Jab Pani” von Lata Mangeshkar wurde von SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan komponiert.

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