Prem Nagar Me Basne Walo
प्रेम-नगर में बसने वालो
अपनी जित पे हँसने वालो
प्रीत हंसाये प्रीत रुलाये
प्रीत मिलाये प्रीत ही साथ छुड़ाये
ये किसकी आवाज़ हे
किसी टूटे हुए दिल की पुकार हे
किसके दिल की
जो दूसरो को तो प्यार के धोखे से खबरदार करना चाहता हे
लेकिन खुद धोखा खाकर भी प्यार किए जेया रहा हे
कुछ समझी
हंस-मुख फूलो ये मत भूलो
हंस-मुख फूलो ये मत भूलो
ओह ओ ओ ओ ओ
ओह ओ ओ ओ ओ
ओह ओ ओ ओ ओ
ओह ओ ओ ओ ओ
ओह ओ ओ ओ ओ