Raat Jaag Ke Nikaloon

Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan

रात जाग के निकालूँ तेरे इंतज़ार में
रात जाग के निकालूँ तेरे इंतज़ार में
आँख चाँद से लगाऊ तेरे इंतज़ार में
रात जाग के निकालूँ

तू आजा जा तू आ जा खुले है दिल के रास्ते
तू आजा जा तू आ जा खुले है दिल के रास्ते
मिटा सकूँ न सोच के में फिर भी तेरे वास्ते
दिन की याद से जलाऊ तेरे इंतज़ार में
रात जाग के निकालूँ तेरे इंतज़ार में
रात जाग के निकालूँ

मगर जिसे जुबान से गजब है तेरा सामना
मगर जिसे जुबान से गजब है तेरा सामना
मैं सह सकु न रात की खड़ा है दिल बेताब सा
मैं उमर भर ना तार तेरे इंतज़ार में
रात जाग के निकालूँ तेरे इंतज़ार में
रात जाग के निकालूँ

Wissenswertes über das Lied Raat Jaag Ke Nikaloon von Lata Mangeshkar

Wer hat das Lied “Raat Jaag Ke Nikaloon” von Lata Mangeshkar komponiert?
Das Lied “Raat Jaag Ke Nikaloon” von Lata Mangeshkar wurde von Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan komponiert.

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