Raste Mein Tere Kab Se Hain Khade

Chitragupta, Majrooh Sultanpuri

रस्ते में तेरे कब से हैं खड़े
अजी ले लो सलाम गरीबों का

रस्ते में तेरे कब से हैं खड़े
अजी ले लो सलाम गरीबों का रस्ते में तेरे

गलियों में घूमते थे हम बेक़रार से
मिल जाओगे कहीं तो चलते फिरते प्यार से
गलियों में घूमते थे हम बेक़रार से
मिल जाओगे कहीं तो चलते फिरते प्यार से
मिल ही गये हैं तो खुल के मिलो
दिल तोड़ न दो मुँह मोड़ न लो
प्यारे ले लो सलाम गरीबों का
रस्ते में तेरे कब से हैं खड़े(रस्ते में तेरे कब से हैं खड़े)
अजी ले लो सलाम गरीबों का रस्ते में तेरे(अजी ले लो सलाम गरीबों का रस्ते में तेरे)

सुलझाना छोड़ देते उल्जहे से बाल का
सुन लेते आप जो अफ़्साना मेरे हाल का
सुलझाना छोड़ देते उल्जहे से बाल का
सुन लेते आप जो अफ़्साना मेरे हाल का
हाँ हाँ सुनी नहीं फ़ुर्सत मगर
ले जाये किधर हसरत की नज़र
प्यारे ले लो सलाम गरीबों का
रस्ते में तेरे कब से हैं खड़े(रस्ते में तेरे कब से हैं खड़े)
अजी ले लो सलाम गरीबों का रस्ते में तेरे(अजी ले लो सलाम गरीबों का रस्ते में तेरे)

अब तक जो हम खड़े हैं ही चाहत आप की
तकते हैं देर से दीवाने सूरत आप की
अब तक जो हम खड़े हैं ही चाहत आप की
तकते हैं देर से दीवाने सूरत आप की
कब तक यूँ ही कोई पीछा करे
अब हाथ मेरे मेरे थकने भी लगे
चाहे ले लो सलाम गरीबों का
रस्ते में तेरे कब से हैं खड़े(रस्ते में तेरे कब से हैं खड़े)
अजी ले लो सलाम गरीबों का रस्ते में तेरे(अजी ले लो सलाम गरीबों का रस्ते में तेरे)

Wissenswertes über das Lied Raste Mein Tere Kab Se Hain Khade von Lata Mangeshkar

Wer hat das Lied “Raste Mein Tere Kab Se Hain Khade” von Lata Mangeshkar komponiert?
Das Lied “Raste Mein Tere Kab Se Hain Khade” von Lata Mangeshkar wurde von Chitragupta, Majrooh Sultanpuri komponiert.

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