Rona Hi Likha Tha Kismat Mein

HANSRAJ BEHL, HUSAN LAL BHAGATRAM, KHUMAR BARABANKVI

रोना ही लिखा था किस्मत में
रोना ही लिखा था किस्मत में
हम गीत खुशी के गा न सके
गा न सके
उजड़ी हुयी नगरी बस न सकी
उजड़ी हुयी नगरी बस न सकी
हम पा के भी तुमको पा न सके
पा न सके
रोना ही लिखा था किस्मत में

ऐसा भी कोई मजबूर न हो
यूं कोई किसी से दूर न हो
ऐसा भी कोई मजबूर न हो
यूं कोई किसी से दूर न हो
हो ओ ओ ओ
रो रो के हसे मर मर के जिए
हम फिर भी उन्हें अपना न सके
ऐ ऐ ऐ
अपना न सके
रोना ही लिखा था किस्मत में

इस रंग बदलती दुनिया में
हर मौसम आके बीत गया
इस रंग बदलती दुनिया में
हर मौसम आके बीत गया
आ आ आ आ
बहते हुए आँसू रुक जाते
वो दिन वो ज़माने आ न सके
ऐ ऐ ऐ ऐ ऐ
आ न सके
रोना ही लिखा था किस्मत में

Wissenswertes über das Lied Rona Hi Likha Tha Kismat Mein von Lata Mangeshkar

Wer hat das Lied “Rona Hi Likha Tha Kismat Mein” von Lata Mangeshkar komponiert?
Das Lied “Rona Hi Likha Tha Kismat Mein” von Lata Mangeshkar wurde von HANSRAJ BEHL, HUSAN LAL BHAGATRAM, KHUMAR BARABANKVI komponiert.

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