Ruk Ja Raat [Revival]

SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan, PANCHAL JAIKISHAN, SHANKAR SHANKAR

रुक जा रात ठहर जा रे चन्दा
बीते ना मिलन की बेला
आज चाँदनी की नगरी में
अरमानों का मेला
रुक जा रात ठहर जा रे चन्दा
बीते ना मिलन की बेला
आज चाँदनी की नगरी में
अरमानों का मेला
रुक जा रात ठहर जा रे चन्दा

पहले मिलन की यादें लेकर
आयी है ये रात सुहानी
पहले मिलन की यादें लेकर
आयी है ये रात सु
दोहराते हैं फ़िर ये सितारे
मेरी तुम्हारी प्रेम कहानी

रुक जा रात ठहर जा रे चन्दा
बीते ना मिलन की बेला
आज चाँदनी की नगरी में
अरमानों का मेला
रुक जा रात ठहर जा रे चन्दा

कल का डरना, काल की चिंता
दो तन है, मन एक हमारे
जीवन सीमा के आगे भी
आऊँगी मैं संग तुम्हारे

रुक जा रात ठहर जा रे चन्दा
बीते ना मिलन की बेला
आज चाँदनी की नगरी में
अरमानों का मेला
रुक जा रात ठहर जा रे चन्दा
बीते ना मिलन की बेला
आज चाँदनी की नगरी में
अरमानों का मेला
रुक जा रात ठहर जा रे चन्दा
रुक जा रात ठहर जा रे चन्दा

Wissenswertes über das Lied Ruk Ja Raat [Revival] von Lata Mangeshkar

Wer hat das Lied “Ruk Ja Raat [Revival]” von Lata Mangeshkar komponiert?
Das Lied “Ruk Ja Raat [Revival]” von Lata Mangeshkar wurde von SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan, PANCHAL JAIKISHAN, SHANKAR SHANKAR komponiert.

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