Rut Beqarar Hai [Classic Revival]

ANAND BAKSHI, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA

रुत बेक़रार है
शाम ए बहार है
तू जरा पास आ मैं तुझे
दिल की धड़कन सुनो (आ)

रुत बेक़रार है
शाम ए बहार है
ऐसे में औ मई पास तो
दूर फीर जा न पाऊँ

हो रुत बेक़रार है

ये सब नज़ारे
फूल बादल हवा
तू इनसे कहदे
फेर ले सब निगाह
आ आ देखे न कोई
भी जब तुझे
मैं गले से लगाओ (आ)

हो रुत बेक़रार है
शाम ए बहार है
ऐसे में औ मई पास तो
दूर फीर जा न पाऊँ (हो)

रुत बेक़रार है

तूने कहानी छेड़
दी है मगर
मेरी शरम से
झुक गयी है नजर
आ तू जरा दूर जा मैं तुझे
बात दिल की सुनो

रुत बेक़रार है

क्या हो जो दुनिआ
रूठ जाये कभी

देके अँधेरे है (देके अँधेरे है)
छिन ले रौशनी (छिन ले रौशनी)

आ आ
आ आ

क्या हुआ बनके मैं
चांदनी
रात भर जगमगाउ (ओ)

रुत बेक़रार है
रुत बेक़रार है
शाम ए बहार है
शाम ए बहार है

तू जरा पास आ मैं तुझे
दिल की धड़कन सुनो (ओ)

रुत बेक़रार है (रुत बेक़रार है)
शाम ए बहार है (शाम ए बहार है)

Wissenswertes über das Lied Rut Beqarar Hai [Classic Revival] von Lata Mangeshkar

Wer hat das Lied “Rut Beqarar Hai [Classic Revival]” von Lata Mangeshkar komponiert?
Das Lied “Rut Beqarar Hai [Classic Revival]” von Lata Mangeshkar wurde von ANAND BAKSHI, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA komponiert.

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