Tere Bin Kaise Din
तेरे बिन कैसे दिन बीते सजना
सोचा ये तो अँखियो मे आँसू भर आए
रात भर ये जहर पिया नही जाए
भीगी भीगी अँखियो मे रैना कट जाए
गीतो के फुलो की मीठी मीठी भूलो के
दिन थे वो कितने हँसी
आँखो मे है छुपी साँसों मे है दबी
बुझे बुझे सपने कई
सब कुछ हार के
बैठी मन मार के
ये तपन ये जलन मन से ना जाए
बरसे घटा भी तो अगन पर साए
आहो का ये सफ़र आँसू की ये उमर
ऐसे कटे तन्हा कहा
ये जहा है धुआँ दो बदन एक जान
कैसे रहे दूर यहाँ
तू कही मैं कही
ज़िंदगी ये नही
बिता पल हो या कल क्यूँ ना लौट आए
तेरे बिन कैसे जिए जिया नहीं जाए
तेरे बिन कैसे दिन