Tum Aa Gaye Ho Noor Aa Gaya [LP Classics]

GULZAR, RAHUL DEV BURMAN

तुम आ गए हो, नूर आ गया है
तुम आ गए हो, नूर आ गया है
नहीं तो चराग़ों से लौ जा रही थी

जीने की तुम से वजह मिल गई है
बड़ी बेवजह ज़िंदगी जा रही थी
तुम आ गए हो, नूर आ गया है

कहाँ से चले कहाँ के लिए, ये ख़बर नहीं थी, मगर
कोई भी सिरा जहाँ जा मिला वहीं तुम मिलोगे
हो, कहाँ से चले कहाँ के लिए, ये ख़बर नहीं थी, मगर
कोई भी सिरा जहाँ जा मिला वहीं तुम मिलोगे

कि हम तक तुम्हारी दुआ आ रही थी
तुम आ गए हो, नूर आ गया है
नहीं तो चराग़ों से लौ जा रही थी
तुम आ गए हो, नूर आ गया है

दिन डूबा नहीं, रात डूबी नहीं, जाने कैसा है सफ़र
ख़्वाबों के दीए आँखों में लिए वहीं आ रहे थे
ओ, दिन डूबा नहीं, रात डूबी नहीं, जाने कैसा है सफ़र
ख़्वाबों के दीए आँखों में लिए वहीं आ रहे थे

जहाँ से तुम्हारी सदा आ रही थी
तुम आ गए हो, नूर आ गया है
नहीं तो चराग़ों से लौ जा रही थी

जीने की तुम से वजह मिल गई है
बड़ी बेवजह ज़िंदगी जा रही थी
तुम आ गए हो (नूर आ गया है)

Wissenswertes über das Lied Tum Aa Gaye Ho Noor Aa Gaya [LP Classics] von Lata Mangeshkar

Wer hat das Lied “Tum Aa Gaye Ho Noor Aa Gaya [LP Classics]” von Lata Mangeshkar komponiert?
Das Lied “Tum Aa Gaye Ho Noor Aa Gaya [LP Classics]” von Lata Mangeshkar wurde von GULZAR, RAHUL DEV BURMAN komponiert.

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