Tum Mere Malik Antaryami
तुम मेरे स्वामी अंतर्यामी मात पिता तुम मेरे
तुम मेरे तन मन तुम मेरे जीवन बंधु सखा तुम मेरे
तुम मेरे स्वामी अंतर्यामी
मेरे मन की तू ही जाने
जाऊ किसे मैं और सुनाने
आह आ आ आ
मेरे मन की तू ही जाने
जाऊ किसे मैं और सुनाने
दुखिया मन की करुण कहानी
तू ही एक सुनहरे
तुम मेरे स्वामी अंतर्यामी (तुम मेरे स्वामी अंतर्यामी)
चारो ओर उठी है आँधी
चारो ओर उठी है आँधी
अजब साधना मैंने साधी
आँचल में एक दीप छुपाया
कभी न हाय बुझे रे
तुम मेरे स्वामी अंतर्यामी मात पिता तुम मेरे (तुम मेरे स्वामी अंतर्यामी मात पिता तुम मेरे)
तुम मेरे तन मन तुम मेरे जीवन बंधु सखा तुम मेरे (तुम मेरे तन मन तुम मेरे जीवन बंधु सखा तुम मेरे)
तुम मेरे स्वामी अंतर्यामी (तुम मेरे स्वामी अंतर्यामी)