Tum Saamne Ho

LAXMIKANT PYARELAL, VARMA MALIK

तुम सामने हो मेरे तुम सामने हो मेरे
मैं और कही हू
ज़रा छू के मुझे देखना मैं हू के नही हू
तुम सामने हो मेरे तुम सामने हो मेरे
मैं और कही हू ज़रा छू के मुझे देखना
मैं हू के नही हू मैं हू के नही हू

कितने दराज हो गये नज़र के फ़ासले
इधर के फ़ासले और उधर के फ़ासले
ली लाह तुम मेरी इंतेहाँ इंतेहाँ ना लो
दुस्वर हो चुके है अब सबर के फ़ासले
इतना सवाल तुझमे मैं मैं ना रही
मैं मैं ना रही मैं मैं ना रही
पहचानो मुझे तुम कही
मैं तू तो नही हू
तुम सामने हो मेरे मैं और कही हू
ज़रा छू के मुझे देखना
मैं हू के नही हू

लाई है किस्मता मुझे दिल की लगीं से
लाई है किस्मता मुझे दिल की लगीं से
तेरी आँखे तोसमझती है अजनबी मुझे
भटक ना जाउ कही मै गम के अंधेरो मे
लोटा दे मेरी जिंदगी की रोशनी मुझे

ठुकरा के जा रहा है तू मेरे नसीब को
मेरे नसीब को मेरे नसीब को
तेरी पसंद हू मैं कोई गैर नही हू
तुम सामने हो मेरे
तुम सामने हो मेरे
मैं और कही हू
ज़रा छू के मुझे देखना
मैं हू के नही हू
तुम सामने हो मेरे
तुम सामने हो मेरे

Wissenswertes über das Lied Tum Saamne Ho von Lata Mangeshkar

Wer hat das Lied “Tum Saamne Ho” von Lata Mangeshkar komponiert?
Das Lied “Tum Saamne Ho” von Lata Mangeshkar wurde von LAXMIKANT PYARELAL, VARMA MALIK komponiert.

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