Woh Aaye Baharein Laye

Husnalal-Bhagatram, Asad Bhopali

वो आये बहार लाये बजी शहनाई
रुत पिया मिलन की आई
हो रुत पिया मिलन की आई
वो आये बहार लाये बजी शहनाई
रुत पिया मिलन की आई
हो रुत पिया मिलन की आई

जिया लहराए नज़र शरमाये
नशा सा अंग अंग में डोले हो डोले
किसी को पा के तमन्ना जागी
किसी को देख के नैणा बोले हो बोले
वो निकला चाँद चाँदनी चाय
रुत पिया मिलन की आई
हो रुत पिया मिलन की आई
वो आये बहार लाये बजी शहनाई
रुत पिया मिलन की आई
हो रुत पिया मिलन की आई

गगन पे नाच रहे है तारे
चमन में झूम रही है कलियाँ हो कलियाँ
बहुत दिन बाद हुई आबाद
ये मेरे प्यार की सूनी गलियाँ हो गालियां
मेरा दिल लेने लगा अंगडाई
रुत पिया मिलन की आई
हो रुत पिया मिलन की आई
वो आये बहार लाये बजी शहाना_ी
रुत पिया मिलन की आई
हो रुत पिया मिलन की आई

फ़िज़ां में रंग है दिल के सैग
उमगे खेल रही है होली हो होली
किसी ने एक नज़र में भर दी
हमारे अरमानों की झोली हो झोली
जवानी घूँघट में शरमाई
रुत पिया मिलन की आई
हो रुत पिया मिलन की आई
वो आये बहार लाये बजी शहनाई
रुत पिया मिलन की आई
हो रुत पिया मिलन की आई

Wissenswertes über das Lied Woh Aaye Baharein Laye von Lata Mangeshkar

Wer hat das Lied “Woh Aaye Baharein Laye” von Lata Mangeshkar komponiert?
Das Lied “Woh Aaye Baharein Laye” von Lata Mangeshkar wurde von Husnalal-Bhagatram, Asad Bhopali komponiert.

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