Woh Aayenge Khushi Bankar

Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan

आज की रात कभी खतम ना होने आए
रोज़ होती है सुबह आज ना होने पाये

वो आएंगे खुशी बन कर बहारे साथ लाएँगे
मेरे घर में मुहब्बत के नजारे
मुस्कुराएंगे वो आएंगे

मजा इस इंतेजारी का कोई पूछे मेरे दिल से
तमन्ना झूम कर कहती है
है हरदम दिल की महफिल से
ये हर दम दिल की महफिल से
वो आएंगे खुशी बन कर
बहारे साथ लाएँगे
मेरे घर मैं मुहब्बत के नजारे
मुस्कुराएंगे वो आएंगे

मेरे अरमान इतरा कर
तड़प कर बात कहते हैं
वही मेहमान आते हैं
जो मेरे दिल में रहते है
जो मेरे दिल मैं रहते है
वो आएंगे खुशी बन कर
बहारे साथ लाएँगे
मेरे घर मैं मुहब्बत के नजारे
मुस्कुराएंगे वो आएंगे

सुनाएँगे उन्हे हसरत भरी आँखों से अफसाना
जो हम से हो सका तो
उनको देंगे दिल का नजारा
उन्हें हम दिल का नजारा
वो आएंगे खुशी बन कर बहारें
साथ निभाएंगे
मेरे घर में मोहब्बत के नजारे
मुस्कुराएंगे वो आएंगे

Wissenswertes über das Lied Woh Aayenge Khushi Bankar von Lata Mangeshkar

Wer hat das Lied “Woh Aayenge Khushi Bankar” von Lata Mangeshkar komponiert?
Das Lied “Woh Aayenge Khushi Bankar” von Lata Mangeshkar wurde von Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan komponiert.

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