Woh Chand Muskaya

MADAN MOHAN, MAJROOH SULTANPURI

वो चाँद मुस्काया सितारे शरमाये
हमारा भी दिल न मचलने लगे

जो हाथ में हमारे यह हाथ है तुम्हारा
दिए से निगाहो में जलने लगे
वो चाँद मुस्काया(वो चाँद मुस्काया)

आ हा हा हा आ हा हा हा
आ हा हा आ हा हा आ आ
ठंडी ठंडी चन्दा की किरण
जलती जलती साँसों की हवा
क्या नाम है इस मौसम का सनम
प्यासे है मगर फिर भी है नशा
आने लगी अंगडाई के(आ आ आ)
जैसे कोई रूट बदलने लगे(आ आ आ)
वो चाँद मुस्काया सितारे शरमाये(वो चाँद मुस्काया सितारे शरमाये)
हमारा भी दिल न मचलने लगे(हमारा भी दिल न मचलने लगे)
वो चाँद मुस्काया(वो चाँद मुस्काया)

खोया है कुछ ऐसा आज समां
बहके बहके उठाते है कदम
यु प्यार भरी इन् राहों में
चलते ही रहेंगे घूम के हम
हम जो चले मिलके गले(आ आ आ)
खिली चाँदनी रंग उछलने लगे(आ आ आ)
वो चाँद मुस्काया सितारे शरमाये(वो चाँद मुस्काया सितारे शरमाये)
हमारा भी दिल न मचलने लगे(हमारा भी दिल न मचलने लगे)
जो हाथ में हमारे यह हाथ है तुम्हारा(जो हाथ में हमारे यह हाथ है तुम्हारा)
दिए से निगाहो में जलने लगे(दिए से निगाहो में जलने लगे)
वो चाँद मुस्काया(वो चाँद मुस्काया)

Wissenswertes über das Lied Woh Chand Muskaya von Lata Mangeshkar

Wer hat das Lied “Woh Chand Muskaya” von Lata Mangeshkar komponiert?
Das Lied “Woh Chand Muskaya” von Lata Mangeshkar wurde von MADAN MOHAN, MAJROOH SULTANPURI komponiert.

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