Woh Hamse Chup Hain

C Ramchandra, P L Santoshi

वो हम से चुप हैं हम उनसे चुप हैं
मनाने वाले मना रहें हैं
वो हम से चुप हैं हम उनसे चुप हैं
मनाने वाले मना रहें हैं
निगाहें उठ उठके झुक रही हैं
निगाहें उठ उठके झुक रही हैं
मज़े मुहब्बत के आ रहें हैं
वो हम से चुप हैं हम उनसे चुप हैं(वो हम से चुप हैं हम उनसे चुप हैं)
मनाने वाले मना रहें हैं(मनाने वाले मना रहें हैं)

ये झूठी आहें ये झूठे आँसू
ये झूठी आहें ये झूठे आँसू
झलक रहें हैं जो हर पलक में

बता रहें हैं
बता रहें हैं के टूटे दिल दो
हज़ारों सदमे उठा रहें हैं
मज़े मुहब्बत के आ रहें हैं(मज़े मुहब्बत के आ रहें हैं)
वो हम से चुप हैं हम उनसे चुप हैं(वो हम से चुप हैं हम उनसे चुप हैं)
मनाने वाले मना रहें हैं(मनाने वाले मना रहें हैं)

घड़ी में बिगड़े घड़ी में झगड़े
हैं बैठे फिर भी ऐसी अदा से ऐसी अदा से

दबा के अपने होंठों को दोनो
हंसी को अपनी छिपा रहें हैं
मज़े मुहब्बत के आ रहें हैं(मज़े मुहब्बत के आ रहें हैं)
वो हम से चुप हैं हम उनसे चुप हैं(वो हम से चुप हैं हम उनसे चुप हैं)
मनाने वाले मना रहें हैं(मनाने वाले मना रहें हैं)

Wissenswertes über das Lied Woh Hamse Chup Hain von Lata Mangeshkar

Wer hat das Lied “Woh Hamse Chup Hain” von Lata Mangeshkar komponiert?
Das Lied “Woh Hamse Chup Hain” von Lata Mangeshkar wurde von C Ramchandra, P L Santoshi komponiert.

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