Yeh Raat Bheegi Bheegi [LoFi]
ये रात भीगी भीगी ये मस्त फिजाये
उठा धीरे धीरे वो चाँद प्यारा प्यारा
ये रात भीगी भीगी ये मस्त फिजाये (आ आ आ)
उठा धीरे धीरे वो चाँद प्यारा प्यारा (आ आ आ)
क्यूँ आग सी लगा के गुमसुम है चांदनी
सोने भी नहीं देता मौसम का ये इशारा
इठलाती हवा नीलम सा गगन
कलियों पे ये बेहोशी की नमी
ऐसे में भी क्यों बेचैन है दिल
जीवन में न जाने क्या है कमी
क्यूँ आग सी लगा के गुमसुम है चांदनी
सोने भी नहीं देता मौसम का ये इशारा
ये रात भीगी भीगी ये मस्त फिजाये
उठा धीरे धीरे वो चाँद प्यारा प्यारा