Zulm Ki Nagari Men

Hasrat Jaipuri

कर के भलाई देख ली
सोच ना सकते थे जो वो भी बुराई देख ली
ज़ुल्म की नगरी में किसी का कौन सहारा है
ज़ुल्म की नगरी में किसी का कौन सहारा है
सब तो पराए है जहाँ में कौन हमारा है
सब तो पराए है जहाँ में कौन हमारा है

ओ ओ पापी को आराम जगत मे पापी को आराम
ओ ओ पुन वाले बदनाम जगत मे पुन वाले बदनाम
देख लिया संसार यहाँ का खेल ही न्यारा है
देख लिया संसार यहाँ का खेल ही न्यारा है
ज़ुल्म की नगरी में किसी का कौन सहारा है
ज़ुल्म की नगरी में किसी का कौन सहारा है

ओ ओ छीना मेरा लाल जगत ने छीना मेरा लाल
मुझसे हुआ है दूर जो मेरी आँख का तारा है
मुझसे हुआ है दूर जो मेरी आँख का तारा है
ज़ुल्म की नगरी में किसी का कौन सहारा है
ज़ुल्म की नगरी में किसी का कौन सहारा है

ओ ओ अन्यायी की जीत यहा पर अन्यायी की जीत
ओ ओ रोती सच्ची प्रीत यहाँ पर रोती सच्ची प्रीत
सुनते हो भगवान यही इंसाफ़ तुम्हारा है
सुनते हो भगवान यही इंसाफ़ तुम्हारा है
ज़ुल्म की नगरी में किसी का कौन सहारा है
सब तो पराए है जहाँ में कौन हमारा है
ज़ुल्म की नगरी में किसी का कौन सहारा है

Wissenswertes über das Lied Zulm Ki Nagari Men von Lata Mangeshkar

Wer hat das Lied “Zulm Ki Nagari Men” von Lata Mangeshkar komponiert?
Das Lied “Zulm Ki Nagari Men” von Lata Mangeshkar wurde von Hasrat Jaipuri komponiert.

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