Kali Kali Zulfon Ke

FARRUKH FATEH ALI KHAN

आप इस तरह तो होश उड़ाया ना कीजिए
यूँ बन-सँवर के सामने आया ना कीजिए
काली-काली ज़ुल्फ़ों के फंदे ना डालो
हमें ज़िंदा रहने दो, ऐ हुस्न वालों

ना छेड़ो हमें, हम सताए हुए हैं
मम , ना छेड़ो हमें, हम सताए हुए हैं
बहुत ज़ख्म सीने पे खाए हुए हैं
सितमगर हो तुम, खूब पहचानते हैं
तुम्हारी अदाओं को हम जानते हैं

दग़ाबाज़ हो तुम, सितम ढाने वाले
फ़रेब-ए-मोहब्बत में उलझाने वाले
ये रंगीं कहानी तुम ही को मुबारक
तुम्हारी जवानी तुम ही को मुबारक
हमारी तरफ़ से निगाहें हटा लो
हमें ज़िंदा रहने दो, ऐ हुस्न वालों
काली-काली ज़ुल्फ़ों के फंदे ना डालो
काली-काली ज़ुल्फ़ों के फंदे ना डालो
हमें ज़िंदा रहने दो, ऐ हुस्न वालों
काली-काली ज़ुल्फ़ों के...

दीवाना मेरा दिल है, दीवाने को क्या कहिए
दीवाना मेरा दिल है, दीवाने को क्या कहिए
ज़ंजीर में ज़ुल्फ़ों की फँस जाने को क्या कहिए
ज़ंजीर में ज़ुल्फ़ों की फँस जाने को क्या कहिए
काली-काली ज़ुल्फ़ों के...
काली-काली ज़ुल्फ़ों के फंदे ना डालो
काली-काली ज़ुल्फ़ों के फंदे ना डालो
हमें ज़िंदा रहने दो, ऐ हुस्न वालों

सदा वार करते हो तीर-ए-जफ़ा का
बहाते हो तुम खून अहल-ए-वफ़ा का
मम , ये नागिन सी ज़ुल्फ़ें, ये ज़हरीली नज़रें
वो पानी ना माँगे, ये जिसको भी डँस लें
वो लुट जाए जो तुमसे दिल को लगाए
फ़िरे हसरतों का जनाज़ा उठाए
है मालूम हमको तुम्हारी हक़ीक़त
मोहब्बत के परदे में करते हो नफ़रत
कहीं और जा के अदाएँ उछालो
हमें ज़िंदा रहने दो, ऐ हुस्न वालों
काली-काली ज़ुल्फ़ों के फंदे ना डालो
काली-काली ज़ुल्फ़ों के फंदे ना डालो
हमें ज़िंदा रहने दो, ऐ हुस्न वालों
काली-काली ज़ुल्फ़ों के फंदे ना डालो
काली-काली ज़ुल्फ़ों के फंदे ना डालो
हमें ज़िंदा रहने दो, ऐ हुस्न वालों

Wissenswertes über das Lied Kali Kali Zulfon Ke von Madhur Sharma

Wann wurde das Lied “Kali Kali Zulfon Ke” von Madhur Sharma veröffentlicht?
Das Lied Kali Kali Zulfon Ke wurde im Jahr 2021, auf dem Album “Kali Kali Zulfon Ke” veröffentlicht.
Wer hat das Lied “Kali Kali Zulfon Ke” von Madhur Sharma komponiert?
Das Lied “Kali Kali Zulfon Ke” von Madhur Sharma wurde von FARRUKH FATEH ALI KHAN komponiert.

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