Aa Ja Re Aa Zara Aa

Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan, MIKU, JAIKSHAN SHANKAR, JAIPURI HASRAT

ये ज़िंदगी की महफ़िल महफ़िल में हम अकेले
दामन को कोई चुमे ज़ुल्फ़ों से कोई खेले

आ जा रे आ ज़रा आ लहरा के आ ज़रा
आँखों से दिल में समा
आ जा रे आ ज़रा आ
लहरा के आ ज़रा आ
आँखों से दिल में समा
आ जा रे आ ज़रा आ

देख फ़िज़ा में रंग भरा है
मेरे जिगर का ज़ख़्म हरा है
देख फ़िज़ा में रंग भरा है
मेरे जिगर का ज़ख़्म हरा है
सीने से मेरे सर को लगा दे
हाथों में तेरे दिल की दवा है
आ जा रे आ ज़रा आ
लहरा के आ ज़रा आ
आँखों से दिल में समा
आ जा रे आ ज़रा आ

अपना सुलगाना किसको दिखाऊँ
साँसों के तूफ़ाँ कैसे छुपाऊँ
अपना सुलगाना किसको दिखाऊँ
साँसों के तूफ़ाँ कैसे छुपाऊँ
आँखें क्या क्या देख रहीं हैं
दिल पे जो गुज़री कैसे बताऊँ
आ जा रे आ ज़रा आ
लहरा के आ ज़रा आ
आँखों से दिल में समा
आ जा रे आ ज़रा आ

तेरे भी दिल में आग लगी है
मेरे भी दिल में आग लगी है
तेरे भी दिल में आग लगी है
मेरे भी दिल में आग लगी है
दोनों तरफ़ है एक सी हालत
दोनों दिलों पर बिजली गिरी है
आ जा रे आ ज़रा आ
लहरा के आ ज़रा आ
आँखों से दिल में समा
आ जा रे आ ज़रा आ
लहरा के आ ज़रा आ
आँखों से दिल में समा
आ जा रे आ ज़रा आ
लहरा के आ ज़रा आ
आ जा रे आ ज़रा आ
लहरा के आ ज़रा आ

Wissenswertes über das Lied Aa Ja Re Aa Zara Aa von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Aa Ja Re Aa Zara Aa” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Aa Ja Re Aa Zara Aa” von Mohammed Rafi wurde von Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan, MIKU, JAIKSHAN SHANKAR, JAIPURI HASRAT komponiert.

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