Aadmi Sadak Ka

MALIK VERMA, Ravindra Jain

कोई काम नहीं हैं मुश्किल
जब किया इरादा पक्का
के मैं हूँ आदमी सड़क का
के मैं हूँ आदमी सड़क का
कोई काम नहीं हैं मुश्किल
जब किया इरादा पक्का
के मैं हूँ आदमी सड़क का
के मैं हूँ मैं हूँ मैं हूँ आदमी सड़क का

मोहब्बत मेरा धर्म ईमान हैं
मोहब्बत मेरा धर्म ईमान हैं
मेरी जात तोह सिर्फ इंसान हैं
वही जिसने बनाये हैं दोनों जहां
वही जिसने बनाये हैं दोनों जहां
वह मेरा राम हैं
मेरा रेहमान हैं
सर झुकाए तोह देखि काशी
और सजदा किया तोह मक्का
के मैं हु आदमी सड़क का
के मैं हु मैं हु मैं हु आदमी सड़क का
कोई काम नहीं हैं मुश्किल
जब किया इरादा पक्का
के मैं हूँ आदमी सड़क का
के मैं हूँ आदमी सड़क का

पीछे हट जाओ यह मैंने सीखा नहीं
पीछे हट जाओ यह मैंने सीखा नहीं
होगी मंज़िल कहा यह भी सोचा नहीं
जब बड़ा हौसला फट गया फासला
जब बड़ा हौसला फट गया फासला
रोकने से किसी के मैं रुकता नहीं
हिम्मत ही मेरा तांगा
हिम्मत ही मेरा एक्का
के मैं हूँ आदमी सड़क का
के मैं हूँ मैं हु मैं हु आदमी सड़क का
कोई काम नहीं हैं मुश्किल
जब किया इरादा पक्का
के मैं हूँ आदमी सड़क का
के मैं हूँ मैं हु मैं हु आदमी सड़क का

एक सड़क हैं यह इंसान की ज़िन्दगी
एक सड़क हैं यह इंसान की ज़िन्दगी
इसके हर मोड पर मिलते गम और ख़ुशी
जो भी घबराया वह रह गया राह में
जो भी घबराया वह रह गया राह में
और गया जो उसी को हैं मंज़िल मिली
ठोकर को मारी ठोकर
धक्के को मारा धक्का
के मैं हूँ आदमी सड़क का
के मैं हूँ मैं हु आदमी सड़क का
कोई काम नहीं हैं मुश्किल
जब किया इरादा पक्का
के मैं हूँ आदमी सड़क का
के मैं हूँ आदमी सड़क का

Wissenswertes über das Lied Aadmi Sadak Ka von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Aadmi Sadak Ka” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Aadmi Sadak Ka” von Mohammed Rafi wurde von MALIK VERMA, Ravindra Jain komponiert.

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