Aaj Ki Raat Hai Bas Jalva

Hasrat Jaipuri

आज की रात है बस जलवा दिखाने के लिए
आज की रात नही रुठ के जाने के लिए
आज की रात है बस जलवा दिखाने के लिए
आज की रात नही रुठ के जाने के लिए
आज की रात

अपने हाथो से ये घूँघट तो उठा लेने दो
प्यास आँखो की मेरी जान बुझा लेने दो
आज तुम लाज के जेवर को उतारो दिलबर
आग मेंहदी की ज़रा दिल मे लगा लेने दो
आज की रात है पहलू मे समाने के लिए

हं हं हं हं

आज की रात है पहलू मे समाने के लिए
आज की रात नही रुठ के जाने के लिए
आज की रात

काली जुल्फे मेरे काँधे पे बिखर जाने दो
तीर काजल के मेरे दिल मे उतर जाने दो
आज महकी हुई तन्हाई यही कहती है
जो मेरे दिल पे गुजरती है गुजर जाने दो
आज की रात है बाहो मे उठाने के लिए

हम्म हं

आज की रात है बाहो मे उठाने के लिए
आज की रात नही रुठ के जाने के लिए
आज की रात है बस जलवा दिखाने के लिए
आज की रात

Wissenswertes über das Lied Aaj Ki Raat Hai Bas Jalva von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Aaj Ki Raat Hai Bas Jalva” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Aaj Ki Raat Hai Bas Jalva” von Mohammed Rafi wurde von Hasrat Jaipuri komponiert.

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