Aaj Ki Raat Mere Dil Ki Salami

NAUSHAD, SHAKEEL BADAYUNI

ये रात जैसे दुल्हन बन गई है चिरागों से
करुंगा और उजाला मैं दिल के दाग़ों से

आज की रात मेरे दिल की सलामी ले ले
दिल की सलामी ले ले
कल तेरी बज़्म से दीवाना चला जाएगा
शम्मा रहे जाएगी परवाना चला जाएगा
आज की रात मेरे दिल की सलामी ले ले
दिल की सलामी ले ले

तेरी महफ़िल तेरे जलवे हों मुबारक तुझको
तेरी उल्फ़त से नहीं आज भी इनकार मुझे
तेरा मय खाना सलामत रहे ऐ जान ए वफ़ा
मुस्कुराकर तू ज़रा देख ले इक बार मुझे
फिर तेरे प्यार का मस्ताना चला जाएगा
कल तेरी बज़्म से दीवाना चला जाएगा
शम्मा रहे जाएगी परवाना चला जाएगा
आज की रात मेरे दिल की सलामी ले ले
दिल की सलामी ले ले

मैने चाहा कि बता दूँ मैं हक़ीक़त अपनी
तूने लेकिन न मेरा राज़ ए मुहब्बत समझा
मेरी उलझन मेरे हालात यहाँ तक पहुंचे
तेरी आँखों ने मेरे प्यार को नफ़रत समझा
अब तेरी राह से बेगाना चला जाएगा
कल तेरी बज़्म से दीवाना चला जाएगा
शम्मा रहे जाएगी परवाना चला जाएगा
आज की रात मेरे दिल की सलामी ले ले
दिल की सलामी ले ले

तू मेरा साथ न दे राह ए मुहब्बत में सनम
चलते चलते मैं किसी राह पे मुड़ जाऊंगा
कहकशां चांद सितारे तेरे चूमेंगे क़दम
तेरे रस्ते की मैं एक धूल हूँ उड़ जाऊंगा
साथ मेरे मेरा अफ़साना चला जाएगा
कल तेरी बज़्म से दीवाना चला जाएगा
शम्मा रहे जाएगी परवाना चला जाएगा
आज की रात मेरे दिल की सलामी ले ले
दिल की सलामी ले ले

Wissenswertes über das Lied Aaj Ki Raat Mere Dil Ki Salami von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Aaj Ki Raat Mere Dil Ki Salami” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Aaj Ki Raat Mere Dil Ki Salami” von Mohammed Rafi wurde von NAUSHAD, SHAKEEL BADAYUNI komponiert.

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