Aaja Panchhi Akela Hai

Majrooh Sultanpuri, S D Burman


आजा पंछी अकेला है

सो जा निंदिया की बेला है

आजा पंछी अकेला है

सो जा निंदिया की बेला है

आजा पंछी अकेला है

उड़ गयी नींद यहाँ मेरे नैन से
बस करो यूँ ही पड़े रहो चैन से
उड़ गयी नींद यहाँ मेरे नैन से
बस करो यूँ ही पड़े रहो चैन से
लागे रे डर मोहे लागे रे

ये क्‍या डरने की बेला है

आजा पंछी अकेला है

सोजा निंदिया की बेला है

आजा पंछी अकेला है

ओ हो हो
कितनी घूटी सी है ये फ़िज़ा
आ हा
कितनी सुहानी है ये हवा
ओ हो हो
कितनी घूटी सी है ये फ़िज़ा
आ हा
कितनी सुहानी है ये हवा
मर गये हम निकला दम मर गये हम

मौसम क्‍या अलबेला है

आजा पंछी अकेला है

सो जा निंदिया की बेला है

आजा पंछी अकेला है

बिन तेरे कैसी अंधेरी ये रात है
दिल मेरा धड़कन मेरी तेरे साथ है
बिन तेरे कैसी अंधेरी ये रात है
दिल मेरा धड़कन मेरी तेरे साथ है
तनहा है फिर भी दिल तनहा है

लागा सपनों का मेला है

आजा पंछी अकेला है

सो जा निंदिया की बेला है

आजा पंछी अकेला है

सो जा निंदिया की बेला है

आजा पंछी अकेला है

सो जा निंदिया की बेला है आजा पंछी अकेला है

Wissenswertes über das Lied Aaja Panchhi Akela Hai von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Aaja Panchhi Akela Hai” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Aaja Panchhi Akela Hai” von Mohammed Rafi wurde von Majrooh Sultanpuri, S D Burman komponiert.

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