Aajkal Hamse Roothe Hue Hai Sanam

ANANDJI KALYANJI, ANANDSHI BAKSHI, ANAND BAKSHI, ANANDJI V SHAH, KALYANJI VIRJI SHAH

आजकल हमसे रूठे हुए हैं सनम
आजकल हमसे रूठे हुए हैं सनम
प्यार में हो रहे हैं सितम पे सितम
लेकिन ख़ुदा की क़सम होंगे जिस रोज़ हम आमने सामने
होंगे जिस रोज़ हम आमने सामने
सारे शिक़वे गिले दूर हो जाएँगे
आजकल हमसे रूठे हुए हैं सनम

उनके हर नाज़ की हमने तारीफ़ की
उनके हर नाज़ की हमने तारीफ़ की
शुक्रिया भी न कहने की तक़लीफ़ की
हमने देखा तो परदे में वो छुप गए
हमने देखा तो परदे में वो छुप गए
क्या पता था वो मग़रूर हो जाएँगे
आजकल हमसे रूठे हुए हैं सनम
आजकल हमसे रूठे हुए हैं सनम

ख़ूबसूरत है वोह और मासूम है
ख़ूबसूरत है वोह और मासूम है
अब्ब यह बाते उनको कहा मालुम है
जो फ़साने फकत अपने होंठो पे है
जो फ़साने फकत अपने होंठो पे है
हर गली में यह मशहूर हो जाएंगे
आज कल हमसे रूठे हुए है सनम
आज कल हमसे रूठे हुए है सनम

हमको अपनी निगाहों पे है ऐतबार
हमको अपनी निगाहों पे है ऐतबार
एक दिन उनको कर देंगे हम बेक़रार
जिस तरह हम मुहब्बत में मजबूर हैं
जिस तरह हम मुहब्बत में मजबूर हैं
इस तरह वो भी मजबूर हो जाएँगे
आजकल हमसे रूठे हुए हैं सनम
प्यार में हो रहे हैं सितम पे सितम
होंगे जिस रोज़ हम आमने सामने
होंगे जिस रोज़ हम आमने सामने
सारे शिक़वे गिले दूर हो जाएँगे
आजकल हमसे रूठे हुए हैं सनम

Wissenswertes über das Lied Aajkal Hamse Roothe Hue Hai Sanam von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Aajkal Hamse Roothe Hue Hai Sanam” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Aajkal Hamse Roothe Hue Hai Sanam” von Mohammed Rafi wurde von ANANDJI KALYANJI, ANANDSHI BAKSHI, ANAND BAKSHI, ANANDJI V SHAH, KALYANJI VIRJI SHAH komponiert.

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