Aap Gar Mujhko Ijaazat De Den

Shadab

आप अगर मुझको इजाज़त देदे
आप अगर मुझको इजाज़त देदे
दिल में अब रहने को जी करता है
दिल में अब रहने को जी करता है

हमने इंकार किया है बरसो
हमने इंकार किया है बरसो
आज हा कहने को जी करता है
आज हा कहने को जी करता है

आपके हुस्न का परवाना है
दिल मेरा आपका दीवाना है

अब तो इकरार हुआ जाता है
आपसे प्यार हुआ जाता है

हमने आँखों में बसाया है तुम्हे सच
हमने आँखों में बसाया है तुम्हे ह्म

दिल में अब रहने को जी करता है
दिल में अब रहने को जी करता है

अपने ही प्यार की महफ़िल में रहे
शोक से आप मेरे दिल में रहे

आपके हाथ में अब हाथ रहे
सो जनम तक युही साथ रहे

जो मेरे दिल में छुपा राखी थी क्या
जो मेरे दिल में छुपा राखी थी ह्म ह्म

बात वो कहने को जी करता है

आप अगर मुझको इजाज़त देदे
आप अगर मुझको इजाज़त देदे
दिल में अब रहने को जी करता है

आज हा कहने को जी करता है
आप अगर मुझको इजाज़त देदे (हा हा हा हा हा हा)
आज हा कहने को जी करता है ह्म ह्म

Wissenswertes über das Lied Aap Gar Mujhko Ijaazat De Den von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Aap Gar Mujhko Ijaazat De Den” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Aap Gar Mujhko Ijaazat De Den” von Mohammed Rafi wurde von Shadab komponiert.

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