Ae Dil Tujh Ko Neend Na Aayi [Remastered]
Akhtar Pilibhiti
हो हो हो हो हो हो
ऐ दिल, तुझी को नींद ना आई तमाम रात
ऐ दिल, तुझी को नींद ना आई तमाम रात
सोती रही खुदा की खुदाई तमाम रात
सोती रही खुदा की खुदाई तमाम रात
अपनी तो एक भी ना चली दिल के सामने
अपनी तो एक भी ना चली दिल के सामने
रह-रह के तेरी याद भुलाई तमाम रात
रह-रह के तेरी याद भुलाई तमाम रात
किस माह-ए-आसमाँ के तसव्वुर में रात-भर
किस माह-ए-आसमाँ के तसव्वुर में रात-भर
तारों, तुम्हें भी नींद ना आई तमाम रात
तारों, तुम्हें भी नींद ना आई तमाम रात