Ae Dost Kisi Roz Tu Pachhtayega

Anand Bakshi, Laxmikant, Pyarelal

ए दोस्त किसी रोज़
तू पछताएगा
ए दोस्त किसी रोज़
तू पछताएगा
जो आग से खेलगा

वो जल जायेगा
ए दोस्त किसी रोज़
तू पछताएगा
ए दोस्त किसी रोज़
तू पछताएगा

मत भूल बड़ी भूल
किये जाता है
मत भूल बड़ी भूल
किये जाता है
जो दर्द तू औरों को
दिए जाता है
वो दर्द तेरे दिल को
भी तड़पाएगा
ए दोस्त किसी रोज़
तू पछताएगा
ए दोस्त किसी रोज़
तू पछताएगा

दौलत का नशा होश
उड़ा देता है
दौलत का नशा होश
उड़ा देता है
इंसान को दीवाना
बना देता है
यह जाम उठाया तो
बहक जायेगा
ए दोस्त किसी रोज़
तू पछताएगा
ए दोस्त किसी रोज़
तू पछताएगा
जो आग से खेलगा
वो जल जायेगा
ए दोस्त किसी रोज़
तू पछताएगा

रोयेगा तू तड़पेगा
परेसा होगा
रोयेगा तू तड़पेगा
परेसा होगा
और अपने किये पे तू
पशेमा होगा
पर हाथ गया वक़्त
नहीं आएगा
ए दोस्त किसी रोज़
तू पछताएगा
ए दोस्त किसी रोज़
तू पछताएगा

देखा न वही बात
हुयी सौदाई
देखा न वही बात
हुयी सौदाई
ए बाप की दौलत
तेरे किस काम आयी
तू अपनी ख़ताओं की
सज़ा पाएगा
ए दोस्त किसी रोज़
तू पछताएगा
ए दोस्त किसी रोज़
तू पछताएगा

Wissenswertes über das Lied Ae Dost Kisi Roz Tu Pachhtayega von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Ae Dost Kisi Roz Tu Pachhtayega” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Ae Dost Kisi Roz Tu Pachhtayega” von Mohammed Rafi wurde von Anand Bakshi, Laxmikant, Pyarelal komponiert.

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