Ae Mere Dil Yahan Tu Akela

Shankar-Jaikishan, S H Bihari

न रो तू यहाँ ऐसे पगला कहीं का
मुसीबत को अपने गले से लगा ले
तेरे ग़म की दुनिया तुझे दे गए हैं
यहाँ से वहाँ रूठ कर जाने वाले

ऐ मेरे दिल यहाँ तू अकेला नहीं
और भी हैं बहुत ग़म के मारे हुए
ऐ मेरे दिल यहाँ तू अकेला नहीं
और भी हैं बहुत ग़म के मारे हुए
ऐ मेरे दिल यहाँ तू अकेला नहीं

हर क़दम पर यहाँ हर मोड़ पर
ग़म की इक दास्ताँ कह रही हर नज़र
कह रही हर नज़र
कितनी बेचैनियाँ रह के ख़ामोश भी
दे रही हैं सदा बिन पुकारे हुए
ऐ मेरे दिल यहाँ तू अकेला नहीं

प्यार जिसने किया उसको पागल कहा
अपनी दुनिया में ये ज़ुल्म होता रहा
ज़ुल्म होता रहा
सैकड़ों बार ये खेल खेला गया
सैकड़ों बार ऐसे नज़ारे हुए
ऐ मेरे दिल यहाँ तू अकेला नहीं

ऐसे इन्सान भी मैने देखे कई
मौत जिनके लिए ज़िन्दगी बन गई
जिनकी आहों से है गूँजती ये फ़िज़ा
जिनके आँसू गगन के सितारे हुए
ऐ मेरे दिल यहाँ तू अकेला नहीं
और भी हैं बहुत ग़म के मारे हुए
ऐ मेरे दिल यहाँ तू अकेला नहीं

Wissenswertes über das Lied Ae Mere Dil Yahan Tu Akela von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Ae Mere Dil Yahan Tu Akela” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Ae Mere Dil Yahan Tu Akela” von Mohammed Rafi wurde von Shankar-Jaikishan, S H Bihari komponiert.

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