Ajab Teri Karigari Re Kartar

Ravi, Prem Dhawan

अजब तेरी कारीगरी रे करतार
अजब तेरी कारीगरी रे करतार
समझ न आये माया तेरी
समझ न आये माया तेरी
बदले रंग हज़ार
अजब तेरी कारीगरी रे करतार
अजब तेरी कारीगरी रे करतार

घरवाले ही घर से निकले
हो कर आज पराएं
घरवाले ही घर से निकले
हो कर आज पराएं
किसे दोष दे जब माली ही
अपना चमन जलाएं
माली अपना चमन जलाएं
तेरा कैसा ये संसार
अजब तेरी कारीगरी रे करतार
अजब तेरी कारीगरी रे करतार

किसकी नज़र इस घर को
बिखर चले सब तिनके
किसकी नज़र इस घर को
बिखर चले सब तिनके
मुरझाई है वो कलियां
खिलने के दिन थे जिनके
कोई यूं ना हो लाचार
अजब तेरी कारीगरी रे करतार
अजब तेरी कारीगरी रे करतार
समझ न आये माया तेरी
समझ न आये माया तेरी
बदले रंग हज़ार
अजब तेरी कारीगरी रे करतार
अजब तेरी कारीगरी रे करतार

Wissenswertes über das Lied Ajab Teri Karigari Re Kartar von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Ajab Teri Karigari Re Kartar” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Ajab Teri Karigari Re Kartar” von Mohammed Rafi wurde von Ravi, Prem Dhawan komponiert.

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