Andha Manwa Nain Diwane
रे मूरख किस बात पर
करता है अभिमान
तुझसे कितने चल बसे
रहा न नाम निशान
अँधा मनवा नैन दीवाने
अँधा मनवा नैन दीवाने
अँधा मनवा
जाने तुझे कहा ले डूबे
जाने तुझे कहा ले डूबे
इनके कौन ठिकाने रे
अँधा मनवा
क्या है तेरे पास रे प्राणी
किस पर तू इतराये
क्या है तेरे पास रे प्राणी
किस पर तू इतराये
अंगारों को फूल समझ कर
फूला नहीं समाये सजा के
झूठे सपने सुहाने रे
अँधा मनवा नैन दीवाने अँधा मनवा
पचरंग चुनरी ओढ़ के सजनि
छम छम नाचे माया
लाखो कंकण सीता आखो
लाखो कंकण सीता आखो
मिट्टी बन कर खाया तो मिट गए
एक से एक सयाने रे अँधा मनवा
ऊँचा चढ़ क्यों चमक दिखावे
ऊँचा चढ़ क्यों चमक दिखावे
करे गगन से बाते
पल में ये दिन ढल जायेंगे
पल में ये दिन ढल जायेंगे
होंगी अँधेरी रात रे भेद यह
मूरख मन क्या जाने
मूरख मन क्या जाने
मूरख मन क्या जाने