Apna Hai Phir Bhi Apna

Madan Mohan, Rajinder Krishnan, RAJINDER KRISHAN

ओ ओ ओ ओ ओ ओ

अपना है फिर भी अपना
बढ़कर गले लगाले
अच्छा है या बुरा है
अपना उसे बनाले
अपना है फिर भी अपना

मत सोच तेरे दिल में
कैसी यह कशमकश है
जो खिंचती है तुझको
वह खून की कशिश है
पर्दा पड़ा हुआ है
जो दरमियान उठाले
अपना है फिर भी अपना
बढ़कर गले लगाले
अच्छा है या बुरा है
अपना उसे बनाले
अपना है फिर भी अपना

ओ ओ ओ ओ ओ ओ

चुप है जुबान फिर भी
अपना लहू पुकारे
तुम एक आसमान के
टूटे हुए हो तारे
नज़रे तो मिल गयी हैं
दिल से भी दिल मिलाले
अपना है फिर भी अपना
बढ़कर गले लगाले
अच्छा है या बुरा है
अपना उसे बनाले
अपना है फिर भी अपना
अपना है फिर भी अपना
बढ़कर गले लगाले
अच्छा है या बुरा है
अपना उसे बनाले
अपना है फिर भी अपना (भाई)
भैया भैया राजू भैया

Wissenswertes über das Lied Apna Hai Phir Bhi Apna von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Apna Hai Phir Bhi Apna” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Apna Hai Phir Bhi Apna” von Mohammed Rafi wurde von Madan Mohan, Rajinder Krishnan, RAJINDER KRISHAN komponiert.

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