Baad Muddat Ke Ye Ghadi Aayee

Madan Mohan, Rajinder Krishnan

बाद मुद्दत के यह घड़ी आई
आप आए तो ज़िंदगी आई
बाद मुद्दत के यह घड़ी आई
आप आए तो ज़िंदगी आई
इश्क़ मर मरके कामयाब हुआ
आज एक ज़र्रा आफ़्ताब हुआ
आज एक ज़र्रा आफ़्ताब हुआ
शुक्रिया ऐ हुज़ूर आने का
शुक्रिया ऐ हुज़ूर आने का
वक़्त जागा गरीब खाने का
एक ज़माने के बाद ईद हुई
ईद से पहले मेरी ईद हुई
ईद से पहले मेरी ईद हुई
ईद का चाँद आज देखा है
ईद का क्यों न ऐतबार आए
हाथ उठाकर दुआ यह करता हूँ
ईद फिर ऐसी बार बार आए
ईद फिर ऐसी बार बार आए
दिन ज़माने का रात अपनी है
इस घड़ी क़ायनात अपनी है
इश्क़ पर हुस्न की इनायत है
मेरे पहलू में मेरी जन्नत है
मेरे पहलू में मेरी जन्नत है
फ़ासले वक़्त ने मिटा ही दिये
दिल तड़पते हुए मिला ही दिये
काश इस वक़्त मौत आ जाए
ज़िंदगानी पे आके छा जाए
ज़िंदगानी पे आके छा जाए
बाद मुद्दत के यह घड़ी आई
आप आए तो ज़िंदगी आई

Wissenswertes über das Lied Baad Muddat Ke Ye Ghadi Aayee von Mohammed Rafi

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Das Lied “Baad Muddat Ke Ye Ghadi Aayee” von Mohammed Rafi wurde von Madan Mohan, Rajinder Krishnan komponiert.

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