Baazi Kisine Pyar Ki

RAJINDER KRISHAN, RAVI SHANKAR

एक प्यासा तुझे मैखाना दिये जाता है
जाते जाते भी ये नज़राना दिये जाता है

बाज़ी किसी ने प्यार की जीति या हार दी
बाज़ी किसी ने प्यार की जीति या हार दी
जैसे गुज़ार सकीय ये शब् इ ग़म गुज़ार दी
बाज़ी किसी ने प्यार की जीति या हार दी

साहिल करेगा याद उसी नामुराद को

साहिल करेगा याद उसी नामुराद को हाय
कश्ती ख़ुशी से जिस ने भंवर में उतार दी
जैसे गुज़ार सकीय ये शब् इ ग़म गुज़ार दी
बाज़ी किसी ने प्यार की जीति या हार दी

जब चल पड़े सफर को तो क्या मूड के देखना
जब चल पड़े सफर को तो क्या मूड के देखना

जब चल पड़े सफर को तो क्या मूड के देखना हाय
दुनिया का क्या है उस ने सदा बार बार दी
जैसे गुज़ार सकीय ये शब् इ ग़म गुज़ार दी
बाज़ी किसी ने प्यार की जीति या हार दी
बाज़ी किसी ने प्यार की जीति या हार दी

Wissenswertes über das Lied Baazi Kisine Pyar Ki von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Baazi Kisine Pyar Ki” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Baazi Kisine Pyar Ki” von Mohammed Rafi wurde von RAJINDER KRISHAN, RAVI SHANKAR komponiert.

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