Babul Ke Ghar Ke Baad

Anand Bakshi

बाबुल के घर के बाद पी की गली आती है
देवर भाभी में छेड़ चली आती है

हम जो तुझे छेडे ओ भाभी
तो क्या है ख़राबी

बाबुल के घर के बाद पी की गली आती है
देवर भाभी में छेड़ चली आती है

बड़े घर की बेटी fashion की मारी
बड़े घर की बेटी fashion की मारी
आन फ़ासी है कहा बेचारी
आन फ़ासी है कहा बेचारी
ये क्या हाल हुआ मुखड़ा लाल हुआ

चाहे फिर जाये पर निचे न देखे
चाहे फिर जाये पर निचे न देखे
घूम के मूड के वो पीछे न देखें
घूम के मूड के वो पीछे न देखें
बड़े अंदाज़ से वो चली इस नाज़ से वो
जैसे हवा में उड़ी जाती है
देवर भाभी में छेड़ चली आती है

हम जो तुझे छेडे ओ भाभी
तो क्या है ख़राबी

बाबुल के घर के बाद पी की गली आती है
देवर भाभी में छेड़ चली आती है

बड़ा आराम किया शादी से पहले
बड़ा आराम किया शादी से पहले
छोड़ के बाबुल के मेहले दो मेहले
छोड़ के बाबुल के मेहले दो मेहले
हुए दिन रात बड़े सर पे काम पड़े
नाजुक कमरिया झुकी जाती है
देवर भाभी में छेड़ चली आती है

हम जो तुझे छेडे ओ भाभी
तो क्या है ख़राबी

बाबुल के घर के बाद पी की गली आती है
देवर भाभी में छेड़ चली आती है

Wissenswertes über das Lied Babul Ke Ghar Ke Baad von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Babul Ke Ghar Ke Baad” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Babul Ke Ghar Ke Baad” von Mohammed Rafi wurde von Anand Bakshi komponiert.

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