Badan Pe Sitare Lapete Huye [LP Classics]

Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan

बदन पे सितारे लपेटे हुए
ओ जान-ए-तमन्ना किधर जा रही हो
ज़रा पास आओ तो चैन आ जाए
ज़रा पास आओ तो चैन आ जाए
बदन पे सितारे लपेटे हुए
ओ जान-ए-तमन्ना किधर जा रही हो
ज़रा पास आओ तो चैन आ जाए
ज़रा पास आओ तो चैन आ जाए

हमीं जब ना होंगे तो ऐ दिलरुबा
किसे देखकर हाय शरमाओगी
ना देखोगी फिर तुम कभी आइना
हमारे बिना रोज़ घबराओगी
बदन पे सितारे लपेटे हुए
ओ जान-ए-तमन्ना किधर जा रही हो
ज़रा पास आओ तो चैन आ जाए
ज़रा पास आओ तो चैन आ जाए

है बनने संवरने का जब ही मज़ा
कोई देखने वाला आशिक़ तो हो
नहीं तो ये जलवे हैं बुझते दीये
कोई मिटने वाला इक आशिक़ तो हो
बदन पे सितारे लपेटे हुए
ओ जान-ए-तमन्ना किधर जा रही हो
ज़रा पास आओ तो चैन आ जाए
ज़रा पास आओ तो चैन आ जाए

मुहब्बत कि ये इन्तेहा हो गई
के मस्ती में तुमको खुदा कह गया
ज़माना ये इंसाफ़ करता रहे
बुरा कह गया या भला कह गया
बदन पे सितारे लपेटे हुए
ओ जान-ए-तमन्ना किधर जा रही हो
ज़रा पास आओ तो चैन आ जाए
ज़रा पास आओ तो चैन आ जाए
बदन पे सितारे लपेटे हुए
ओ जान-ए-तमन्ना किधर जा रही हो
ज़रा पास आओ तो चैन आ जाए
ज़रा पास आओ तो चैन आ जाए

Wissenswertes über das Lied Badan Pe Sitare Lapete Huye [LP Classics] von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Badan Pe Sitare Lapete Huye [LP Classics]” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Badan Pe Sitare Lapete Huye [LP Classics]” von Mohammed Rafi wurde von Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan komponiert.

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