Baharo Phool Barsao

Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan

बहारों फूल बरसाओ
मेरा महबूब आया है
मेरा महबूब आया है
बहारों फूल बरसाओ
मेरा महबूब आया है
मेरा महबूब आया है
हवाओं रागिनी गाओ
मेरा महबूब आया है
मेरा महबूब आया है

ओ लाली फूल की मेंहँदी लगा इन गोरे हाथों में
उतर आ ऐ घटा काजल लगा इन प्यारी आँखों में
सितारों माँग भर जाओ
मेरा महबूब आया है
मेरा महबूब आया है
बहारों फूल बरसाओ
मेरा महबूब आया है
मेरा महबूब आया है

नज़ारों हर तरफ़ अब तान दो इक नूर की चादर
बडा शर्मीला दिलबर है चला जाये न शरमा कर
ज़रा तुम दिल को बहलाओ
मेरा महबूब आया है
मेरा महबूब आया है
बहारों फूल बरसाओ
मेरा महबूब आया है
मेरा महबूब आया है

सजाई है जवाँ कलियों ने अब ये सेज उल्फ़त की
इन्हें मालूम था आएगी इक दिन ऋतु मुहब्बत की
फ़िज़ाओं रंग बिखराओ
मेरा महबूब आया है मेरा महबूब आया है
बहारों फूल बरसाओ
मेरा महबूब आया है
मेरा महबूब आया है

Wissenswertes über das Lied Baharo Phool Barsao von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Baharo Phool Barsao” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Baharo Phool Barsao” von Mohammed Rafi wurde von Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan komponiert.

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