Banda Parwar

MAJROOH SULTANPURI, O P NAYYAR

बंदा परवर
बंदा परवर, थाम लो जिगर, बनके प्यार फिर आया हूँ
खिदमत में आपकी हुजूर, फिर वोही दिल लाया हूँ
बंदा परवर, थाम लो जिगर, बनके प्यार फिर आया हूँ
खिदमत में आपकी हुजूर, फिर वोही दिल लाया हूँ

ओ हो ओ आ आ आ आ ओ हो ओ आ आ आ आ

जिसकी तड़प से रुख़ पे तुम्हारे, आया निखार गज़ब का
जिसकी तड़प से रुख़ पे तुम्हारे, आया निखार गज़ब का
जिसके लहू से और भी चमका रंग तुम्हारे लब का
गेंसू खुले जंजीर बने, और भी तूम तसबीर बने
आईना दिलदार का, नज़राना प्यार का
फिर वही दिल लाया हूँ
बंदा परवर बंदा परवर, थाम लो जिगर, बनके प्यार फिर आया हूँ
खिदमत में आपकी हुजूर, फिर वोही दिल लाया हूँ

ओ हो ओ आ आ आ आ ओ हो ओ आ आ आ आ

मेरी निगाह-ए-शौख से बचकर, यार कहाँ जाओगे
मेरी निगाह-ए-शौख से बचकर, यार कहाँ जाओगे
पाँव जहाँ रख दोगे अदा से दिल को वहीँ पाओगे
रहूँ जुदा, ये मजाल कहाँ, जाऊं कहीं, ये ख़याल कहाँ
बंदा दिलदार का, नज़राना प्यार का
फिर वही दिल लाया हूँ
बँदा परवर बंदा परवर, थाम लो जिगर, बनके प्यार फिर आया हूँ
खिदमत में आपकी हुजूर, फिर वोही दिल लाया हूँ

Wissenswertes über das Lied Banda Parwar von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Banda Parwar” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Banda Parwar” von Mohammed Rafi wurde von MAJROOH SULTANPURI, O P NAYYAR komponiert.

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