Bhai Re Maine Is Alam Men Paye Hain

Pyarelal Santoshi

भाई रे मैंने इस आलम में
पाये है इन्सान है बहुत से
ऐसे भजते है अल्लाह का नाम
मगर ये सब भोले है क्या
ऐसे भजते है अल्लाह का नाम
मगर ये सब भोले है क्या
अच्छी कमाई इनकी अल्लाह तो जेन मन की
गए हरदम ये बनवारी
जान भले ही जाये किसी की
ा मियां तुम हर दम हर दम
जानो तुम्हारे सीने की
किला नकदम नकदम
जानो तुम्हारे सीने की
किला नकदम नकदम
क्या क्या हम बोल रहे
मेरी कुछ तो सुनो
हाय क्या क्या हमें जुल्म सहे
मेरी कुछ तो सुनो
दगाबाजी से सेठ बना रे
किला नकदम नकदम
पापो से पेट फूले रे
बोले किला नकदम नकदम
पापो से पेट फूले रे
यार मेरा पुराना तरस हमें
आता है बड़ा ऐसे सब मिल जुल के
ये है अब्बा जी छह
छह बेटियों के अल्लाह रे
वही करे बाक भला रे
भर भरता अब तो
भौरा अब तो दू चला
भर भरता अब तो
भौरा अब तो दू चला
प्यासा भवृ बोल उठा
बोलो तुम क्या दोगे सजा
उसे चंपा दे दो ऐसे शहर की
तुम भी प्यार का मजा लेलो
मांगे पॉ कौन ये मांगे अनाज
हा मिया बुला मु
ये मई मनी से प्यार करे
और करे मिज़र हा जी गुलजार
मांगे पॉ कौन ये मांगे
अनाज हमें या मुल्ला बू
ये मई मनी से प्यार करे
और करे मिज़र हा जी गुलजार
ये देते है दाना और लेते
उड़ती उड़ती इनकी बातों में न आना तुम
उड़ती उड़ती इनकी बातों में न आना तुम
क्या बताये ऐसे ऐसे दुःख और गम
क्या बताये ऐसे ऐसे दुःख और गम
ये कैसा ो जुरम ओ सितम अल्लाह रे
ये कैसा ो जुरम ओ सितम अल्लाह रे
गुल्ला मु गुलजार गुल्ला मु गुलजार
गुल्ला मु गुलजार

Wissenswertes über das Lied Bhai Re Maine Is Alam Men Paye Hain von Mohammed Rafi

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Das Lied “Bhai Re Maine Is Alam Men Paye Hain” von Mohammed Rafi wurde von Pyarelal Santoshi komponiert.

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