Bulbul Main Naghme Tere

GHULAM MOHAMMED, SARDAR MALIK, SHAKEEL BADAYUNI

ए बुलबुल मे है नगमे तेरे गुल मे तेरी बू है
हर शहर मे तेरा नूर है हर चीस मे तू है

आँखो मे है तू सांसो मे है तू
दिल से तेरा जलवा दूर नही

आँखो मे है तू सांसो मे है तू
दिल से तेरा जलवा दूर नही

काहे बेपर्दा मैं देखु हुस्न तेरा
बेपर्दा मैं देखु हुस्न तेरा
ये बात मुझे मंजूर नही

हा बेपर्दा मैं देखु हुस्न तेरा
ये बात मुझे मंजूर नही

हाँ हर एक जर्रे पे लिखा है
तेरी उलफत का फसाना
वो दिल बेकार है
या रब ना हो जो तेरा दीवाना हाँ

आआआ कसम है तुझको मेरे दिल
की हालत पूछ ले मुझसे
करम से तेरे कुछ मुश्किल
नही बिघड़ी का बन जाना

आ आ आ आ आ आ

या बिगड़ा बना दे काम अपना
या दिल से मिटा दे नाम अपना

या बिगड़ा बना दे काम अपना
या दिल से मिटा दे नाम अपना

या दिल से मिटा दे नाम अपना

सजदे भी करे शिक़वे भी करे
बंडो का तेरे दस्तूर नही

हा सजदे भी करे शिक़वे भी करे
बंडो का तेरे दस्तूर नही

आ आ आ आ आ आ

आँखो मे है तू सांसो मे है तू
दिल से तेरा जलवा दूर नही

आ आ आ आ आ आ
तजली है तेरी ये चाँद क्या है चाँदनी क्या है
आ आ आ आ आ आ
अगर नज़रे सलामत है तो जलवों की कमी क्या है
आ आ आ आ आ आ

आ आ आ आ आ आ
लबों पर नाम है तेरा दिलो मे याद है तेरी
मोहोब्बत का फसाना है हमारी जिंदगी क्या है

आ आ आ आ आ आ
घुट घुट के सदा हम मरते है
घुट घुट के सदा हम मरते है
आ आ आ आ आ आ
घुट घुट के सदा हम मरते है
कब तुझसे शिकायत करते है

घुट घुट के सदा हम मरते है
कब तुझसे शिकायत करते है

कब तुझसे शिकायत करते है
मर्ज़ी है तेरी जो चाहे करे
मुख़्तार है तू मजबूर नही

मर्ज़ी है तेरी जो चाहे करे
मुख़्तार है तू मजबूर नही
आँखो मे है तू सांसो मे है तू

आ आ आ आ आ आ

आँखो मे है तू सांसो मे है तू
दिल से तेरा जलवा दूर नही
दिल से तेरा जलवा दूर नही
दिल से तेरा जलवा दूर नही
आँखो मे है तू

Wissenswertes über das Lied Bulbul Main Naghme Tere von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Bulbul Main Naghme Tere” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Bulbul Main Naghme Tere” von Mohammed Rafi wurde von GHULAM MOHAMMED, SARDAR MALIK, SHAKEEL BADAYUNI komponiert.

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