Chal Musafir

KALYANJI ANANDJI, SAMEER ANJAAN

न हो मायूस टूटे गी कभी जुल्मों की जंजीरे
उलट जायेगी तकदीरे बदल जाएगी तकदीरे

चल मुसाफ़िर तेरी मंजिल दूर है तो क्या हुआ
चल मुसाफ़िर तेरी मंजिल दूर है तो क्या हुआ
आज तेरा पाँव थक कर चूर है तो क्या हुआ
चल मुसाफ़िर चल

ये दुआ ये धुँधली रहे ये अंधेरो की घुटन
आ आ आ आ ये दुआ ये धुँधली राहे ये अंधेरो की घुटन
इन अंधेरो से लिपटी है उजाले की किरण
वो किरण गर आज तक बेनूर है तो क्या हुआ
चल मुसाफ़िर चल

जिंदगी से जो न हारे
वो सवेरे ज़िंदगी
आ आ आ जिंदगी से जो न हारे
वो सवेरे ज़िंदगी
ठोकरें खाकर ही बनता आदमी है आदमी
आजमाइश का यही दस्तूर है तो क्या हुआ
चल मुसाफ़िर चल

तेरे माथे के पसीने में है गंगा की लहर
आ आ तेरे माथे के पसीने में है गंगा की लहर
तेरी मेहनत से जमींन पर स्वर्ग आएगा उतर
कर्म योगी नाम से मजदूर है तो क्या हुआ
चल मुसाफ़िर तेरी मंजिल दूर है तो क्या हुआ
आज तेरा पाँव थक कर चूर है तो क्या हुआ
चल मुसाफ़िर चल

Wissenswertes über das Lied Chal Musafir von Mohammed Rafi

Wann wurde das Lied “Chal Musafir” von Mohammed Rafi veröffentlicht?
Das Lied Chal Musafir wurde im Jahr 2012, auf dem Album “Audiobiography Vol. 2” veröffentlicht.
Wer hat das Lied “Chal Musafir” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Chal Musafir” von Mohammed Rafi wurde von KALYANJI ANANDJI, SAMEER ANJAAN komponiert.

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