Chale Aaj Tum Jahan Se

NAUSHAD, SHAKEEL BADAYUNI, Shakeel Badayuni

चले आज तुम जहां से हुई ज़िन्दगी परायी (आ आ आ आ आ आ)
तुम्हे मिल गया ठिकाना हमें मौत भी न आयी (आ आ आ आ आ)

आ आ आ आ आ आ

ओ दूर के मुसाफिर हम को भी साथ ले ले रे
हम को भी साथ ले ले
हम रह गए अकेले
ओ दूर के मुसाफिर हम को भी साथ ले ले रे
हम को भी साथ ले ले
हम रह गए अकेले

आ आ आ आ आ आ

तूने वो दे दिया गम बेमौत मर गए हम
दिल उठ गया जहां से ले चल हमें यहां से
ले चल हमें यहां से
किस काम की ये दुनिया जो ज़िन्दगी से खेले रे
हम को भी साथ ले ले हम रह गए अकेले

आ आ आ आ आ

सुनी है दिल की राहें खामोश है निगाहें
नाकाम हसरतो का उठने को है जनाज़ा
उठने को है जनाज़ा
चारों तरफ लगे है बरबादियों के मेले रे
हम को भी साथ ले ले हम रह गए अकेले
ओ दूर के मुसाफिर हम को भी साथ ले ले रे (आ आ आ आ आ आ)
हम को भी साथ ले ले हम रह गए अकेले (आ आ आ आ आ आ)

Wissenswertes über das Lied Chale Aaj Tum Jahan Se von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Chale Aaj Tum Jahan Se” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Chale Aaj Tum Jahan Se” von Mohammed Rafi wurde von NAUSHAD, SHAKEEL BADAYUNI, Shakeel Badayuni komponiert.

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