Dhadke Rah Rah Ke Dil Bawra

Kaifi Azmi

हम्म हम्म हम्म
हो हो हो हो हो
हम्म हम्म हम्म
हो हो हो हो हो

धड़के धड़के रह रह के दिल बावरा
भीगी भीगी रुत है मौसम सावरा आया
भीगी भीगी रुत है मौसम सावरा आया

मौजो का इशारा है
मौजो का इशारा है
देखा ना किनारे ने क्या हाल हमारा है
मौजो का इशारा है
तूफा का दर कैसा जब पास किनारा है

दस्तूर पुराना है
दस्तूर पुराना है
दुख दर्द चकोरी का कब चाँद ने जाना है
दस्तूर पुराना है
मजबूर मोहब्बत है मुख़्तार जमाना है

आए दिलवालो इतना तो बतलाना रे
क्या कहता है दीपक से परवाना रे
हाजी क्या कहता है दीपक से परवाना रे

कहता है ये परवाना
कहता है ये परवाना उलफत मे वफ़ा वाले
जान देते है नज़राना
कहता है ये परवाना है रीत मोहब्बत की
जल जल के जिए जाना

दीवाना मस्ताना बुलबुल प्यार मे
काली काली पर क्या गये गुलज़ार मे
हाजी काली काली पर क्या गये गुलज़ार मे

हो गाता है यही गाना
गाता है यही गाना
देखो कही भावरो की बतो मे ना आ जाना
गाता है यही गाना
फुलो की मोहब्बत मे काटों से ना घबराना

धड़के धड़के रह रह के दिल बावरा
भीगी भीगी रुत है मौसम सावरा आया
हाजी भीगी भीगी रुत है मौसम सावरा आया
हाजी भीगी भीगी रुत है मौसम सावरा आया
हाजी भीगी भीगी रुत है मौसम सावरा आया

Wissenswertes über das Lied Dhadke Rah Rah Ke Dil Bawra von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Dhadke Rah Rah Ke Dil Bawra” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Dhadke Rah Rah Ke Dil Bawra” von Mohammed Rafi wurde von Kaifi Azmi komponiert.

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