Dheere Chal Zara
धीरे चल ज़रा
ओ पागल पुरवैया
तू कहे शोर मचाये
तू कहे शोर मचाये
जिनकी किस्मत सो गयी
उनको कौन जगाए
धीरे चल ज़रा
ओ पागल पुरवैया
तू कहे शोर मचाये
सोने दे बेचारो को
इन किस्मत के मारे को
ये वो माझी छोड़ चुके
जो अपनी पतवारो को
सोने दे बेचारो को
इन किस्मत के मारे को
ओ हो हो
धीरे चल ज़रा
ओ पागल नदिया
निंदिया तू क्यों न जाये
जो नय्या में डूब गए
उनको कौन बचाये
धीरे चल ज़रा
ओ पागल पुरवैया
तू कहे शोर मचाये
जीवन रेन बसेरा है
किसका नाम सवेरा है
जलते हुए चिरागो के
नीचे घोर अँधेरा है
ओ हो हो
धीरे चल ज़रा
ओ पागल चँदा
सूरज निकल न आये
जिनके मन का दीप
बुझा उनको कौन बचाये
धीरे चल ज़रा
ओ पागल चँदा
सूरज निकल न आये
सूरज निकल न आये
सूरज निकल न आये