Dil Tham Chale Hum Aaj Kidhar

Iqbal Qureshi, Rajinder Krishnan

ओह हो आह हा
दिल थाम चले हम आज किधर
कोई देखे कोई देखे
बेचैन जिगर बेताब नज़र
कोई देखे कोई देखे
दिल थाम चले हम

तारा रा रीत ता ता
तारा रा रीत ता ता
तारा रा रीत ता ता
तारा रा रीत ता ता

भीगी सी हवा काली सी घटा देती है तेरी ज़ुल्फ़ों का पता
ओह हो
आह हा
मौसम है हसीं क्यों ना हो यक़ीं अब दूर नहीं वो जान-ए-वफ़ा
नमक़ीन समाँ रंगीन सफ़र
कोई देखे कोई देखे
दिल थाम चले हम

तारा रा रीत ता ता
तारा रा रीत ता ता
तारा रा रीत ता ता
तारा रा रीत ता ता

चोटी पे वहाँ इक अब्र-ए-जवां देखो तो ज़रा क्यों झुकने लगा
ओह हो
आह हा
ओर देख के ये क्यूँ दिल अपना
कुछ घटने लगा कुछ रुकने लगा
मौसम की शरारत का मंज़र
कोई देखे कोई देखे
दिल थाम चले हम

तारा रा रीत ता ता
तारा रा रीत ता ता
तारा रा रीत ता ता
तारा रा रीत ता ता

यूँ रेल चले नागिन की तरह लहराती हुई बलखाती हुई
ओ हो
आ हा
फूलों से भरे इन रस्तों पे हर मोड़ पे ये समझाती हुई
ये इश्क़ भी तो है इक चक्कर
कोई देखे कोई देखे
दिल थाम चले हम आज किधर
कोई देखे कोई देखे
बेचैन जिगर बेताब नज़र
कोई देखे कोई देखे
दिल थाम चले हम

Wissenswertes über das Lied Dil Tham Chale Hum Aaj Kidhar von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Dil Tham Chale Hum Aaj Kidhar” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Dil Tham Chale Hum Aaj Kidhar” von Mohammed Rafi wurde von Iqbal Qureshi, Rajinder Krishnan komponiert.

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