Din Ho Ya Raat Hum Rahe Tere Saath

Hansraj Behl, Prem Dhawan

दिन हो या रात हम रहें
तेरे साथ यह हमारी मर्जी
दिन हो या रात हम रहें
तेरे साथ यह हमारी मर्जी

तुम्हारी मर्जी
जी हमारी मर्जी
तुम्हारी तो हमारी भी
यही है मर्जी
दिन हो या रात हम रहें
तेरे साथ यह हमारी मर्जी

तू डोर मैं पतंग उड़ूँ
तेरे संग संग हो हो हो
आ हा हा

तू है फूल तो मैं
रंग रहूं तेरे संग संग
हो हो हो, आ हा हा
रंग डालो इस रंग में
हमारा अंग अंग
रंग डालो इस रंग में
हमारा अंग अंग
ये तुम्हारी मर्जी
जी हमारी मर्जी
तुम्हारी तो हमारी भी यही है मर्जी
दिन हो या रात हम रहें
तेरे साथ यह हमारी मर्जी

ले के आऊँ मैं बारात
थामु मेहंदी वाले हाथ
हो हो हो, आ हा हा
मैं तो मुख से ना बोलूं
चली चलूं तेरे साथ
हो हो हो, आ हा हा
नित नित करे चंदा से
चकोरी मुलाक़ात
नित नित करे चंदा से
चकोरी मुलाक़ात
ये तुम्हारी मर्जी
जी हमारी मर्जी
तुम्हारी तो हमारी भी यही है मर्जी
दिन हो या रात हम रहें
तेरे साथ यह हमारी मर्जी

इक बंगला हो प्यारा
सारी दुनिया से न्यारा ओ हो हो
आ हा हा
जिसकी चाँदी की दीवारें
और सोने का द्वारा
आ हा हा
इसके अंगना में आके
भूल जाऊं जाग सारा
इसके अंगना में आके
भूल जाऊं जाग सारा
ये तुम्हारी मर्जी
जी हमारी मर्जी
तुम्हारी तो हमारी भी यही है मर्जी
दिन हो या रात हम रहें
तेरे साथ यह हमारी मर्जी
दिन हो या रात हम रहें
तेरे साथ यह हमारी मर्जी

Wissenswertes über das Lied Din Ho Ya Raat Hum Rahe Tere Saath von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Din Ho Ya Raat Hum Rahe Tere Saath” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Din Ho Ya Raat Hum Rahe Tere Saath” von Mohammed Rafi wurde von Hansraj Behl, Prem Dhawan komponiert.

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