Dukh Sukh Donon Tan Ke Kapde

Sonik-Omi, TULSI INDERJIT SINGH

दुख सुख दोनो तन के
कपड़े किस कारण पहनाए
किस कारण पहनाए
तुझे क्यू समझ ना आए
तुझे क्यू समझ ना आए
तुझे क्यू समझ ना आए
तुझे क्यू समझ ना आए
वो चाहे तो प्यासा मारे
चाहे तो प्यास बुझाए
तुझे क्यू समझ ना आए
तुझे क्यू समझ ना आए

तेरे मन की खातिर पगले
तन का बिछा भिछोना
तेरे मन की खातिर पगले
तन का बिछा भिछोना
जब तक चाबी भरी प्रभु
ने तब तक चले खिलोना
तैसा नाचे मास की पुतली
हो तैसा नाचे मास की
पुतली जैसा नाच नचाए
तुझे क्यू समझ ना आए
तुझे क्यू समझ ना आए

जल बिन मछली जी नही सकती
माँ बिन जिए ना बच्चा
जल बिन मछली जी नही सकती
माँ बिन जिए ना बच्चा
इन्दर उसका का पानी भरता
जिसका सीधक है सच्चा
वो चाहे तो गागर मे भी
हो वो चाहे तो गागर मे भी
सागर को छलकाए
तुझे क्यू समझ ना आए
तुझे क्यू समझ ना आए

बेसमझो को समझ नही
कब आए कैसी घड़िया
बेसमझो को समझ नही
कब आए कैसी घड़िया
जेठ महीने में लग सकती
है सावन की झड़िया
कौन समय आकाश ओर धरती
हो कौन समय आकाश ओर धरती
अपना ब्याह रचाए
तुझे क्यू समझ ना आए
तुझे क्यू समझ ना आए
वो चाहे तो प्यासा मारे
चाहे तो प्यास बुझाए
तुझे क्यू समझ ना आए
तुझे क्यू समझ ना आए
तुझे क्यू समझ ना आए
तुझे क्यू समझ ना आए
तुझे क्यू समझ ना आए
तुझे क्यू समझ ना आए

Wissenswertes über das Lied Dukh Sukh Donon Tan Ke Kapde von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Dukh Sukh Donon Tan Ke Kapde” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Dukh Sukh Donon Tan Ke Kapde” von Mohammed Rafi wurde von Sonik-Omi, TULSI INDERJIT SINGH komponiert.

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