Ek Janib Shame Mehfil

Majrooh Sultanpuri, R D Burman

आह आ आ एक जानिब शम्मे महफ़िल
एक जानिब शम्मे महफ़िल
एक जानिब रूहे जाना
हो ओ गिरता हैं देखे कहा परवाना
एक जानिब शम्मे महफ़िल

एक जानिब शम्मे महफ़िल
एक जानिब रूहे जाना
हो गिरता हैं देखे कहा परवाना
एक जानिब शम्मे महफ़िल

एक सू एक शोला चरागों की अंजुमन में
एक सू रंगे जलवा किसी बूथ के पाकपन में
एक शोला एक जल्वा और इनमे एक दीवाना
एक जानिब शम्मे महफ़िल
हो एक जानिब रूहे जाना
हो गिरते हैं देखे कहा परवाना
एक जानिब शम्मे महफ़िल

उसकी क्या है मंजिल नहीं इतना बेखबर भी
आया दिलबरों में तोह हैं काफी एक नजर भी
इन नजरो को यारो क्या जानू मै अंजाना
एक जानिब शम्मे महफ़िल
एक जानिब रूहे जाना
हो गिरते हैं देखे कहा परवाना
एक जानिब शम्मे महफ़िल
ह्म ह्म हा हा ला ला ला ला ला ह्म ह्म हा हा ला ला ला ला ला ला ला ला

क्या क्या रंग निकले हसीनो की सादगी से
हो ओ इतनी है शिकायत के मिलते हैं अजनबी से
जो ऐसा बेपरवाह क्या उसे दिल उलझना
एक जानिब शम्मे महफ़िल
हो एक जानिब रूहे जाना
हो गिरते हैं देखे कहा परवाना(हो गिरते हैं देखे कहा परवाना)
एक जानिब शम्मे महफ़िल(एक जानिब शम्मे महफ़िल)
एक जानिब रूहे जाना( एक जानिब रूहे जाना)
हो गिरते हैं देखे कहा परवाना(हो गिरते हैं देखे कहा परवाना)
एक जानिब शम्मे महफ़िल(एक जानिब शम्मे महफ़िल)

Wissenswertes über das Lied Ek Janib Shame Mehfil von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Ek Janib Shame Mehfil” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Ek Janib Shame Mehfil” von Mohammed Rafi wurde von Majrooh Sultanpuri, R D Burman komponiert.

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